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Ismail Haniyeh: जानिये कौन थे इस्माइल हनिया ?और किसने की उनकी हत्या ? जानिये पूरा सच

Ismail Haniyeh: हमास की राजनीतिक शाखा के प्रमुख थे। उनका दबदबा हमास में साल 2006 में फिलिस्तीन के आम चुनावों में हमास की जीत के बाद से ही महसूस होने लगा था। इस चुनाव में हमास ने फलस्तीनी प्राधिकरण के बहुमत से जीत हासिल की थी, जिसके परिणामस्वरूप इस्माइल हानिया को फलस्तीनी प्राधिकरण के प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था। उनके नेतृत्व में हमास ने गाजा में अपना प्रभाव मजबूत किया और पश्चिमी तट क्षेत्र में उनकी प्रतिष्ठा बढ़ी।

Ismail Haniyeh
Ismail Haniyeh

Ismail Haniyeh और हमास की भड़की बातें

इस्माइल की हत्या पर भले ही इजरायल ने चुप्पी साध रखी हो, लेकिन ईरान और हमास ने सीधे तौर पर इस हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है। ईरान ने कहा, “हानिया की मौत बेकार नहीं जाएगी। हानिया के खून के हर खतरे का हिसाब लिया जाएगा।” अब फिलिस्तीन और तेहरान के रिश्ते और मजबूत होंगे। उधर, हमास और हैज़ ने भी ईरान से बदला लेने की बात कही है।

इस्माइल हानिया की हत्या की खबरें तेहरान से आ रही हैं, जिसमें उनकी राजनीतिक शाखा हमास के प्रमुख के रूप में उनकी मौत का आरोप इस्राइल पर लगाया गया है। हालांकि, इस्राइल ने अभी तक इसे लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। इस्माइल हानिया को 2018 में अमेरिका ने आतंकवादी घोषित किया था।

किसने की Ismail Haniyeh की हत्या

मोसाद, जिसे “सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर इंटेलिजेंस एंड स्पेशल ऑपरेशंस” के नाम से भी जाना जाता है, इजराइल की प्रमुख खुफिया एजेंसी है। मोसाद के साथ, इजराइल अमन और शिन बेट भी खुफिया एजेंसियां के रूप में कार्यरत हैं। मोसाद विदेशी खुफिया जानकारी जुटाने, विश्लेषण करने और गुप्त अभियानों को अंजाम देने के लिए मशहूर है। इसे 1949 में ब्रिटिश शासनादेश के दौरान फिलिस्तीन में यहूदी सैन्य बल की गुप्त शाखा के रूप में स्थापित किया गया था। रूवेन शिलोआ को मोसाद का पहला निदेशक नियुक्त किया गया था। इसके स्थापना के बाद से, मोसाद ने निरंतर इजराइल की सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए काम किया है और विभिन्न देशों में सफल ऑपरेशन चलाए हैं।

Ismail Haniyeh कौन था

Ismail Haniyeh, जो हमास की राजनीतिक शाखा के प्रमुख थे, ने 2006 में फिलिस्तीन के आम चुनावों में हमास की जीत के बाद संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें गाजा पट्टी में फिलिस्तीनी प्राधिकरण का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था। इस कार्यकाल के दौरान, हानिया ने मिस्र से गाजा पट्टी में आयातित वस्तुओं पर भारी कर लगाकर अपनी संपत्ति को कई गुना बढ़ा लिया था।

2014 में, हमास ने सभी व्यापारों पर 20 प्रतिशत कर लगाने की घोषणा की थी, जिसके परिणामस्वरूप हमास के 1,700 टॉप कमांडरों की आर्थिक स्थिति में भी बड़ी सुधार हुई थी। एक रिपोर्ट में बताया गया कि इन करों के फलस्तीनी नेताओं की संपत्ति ने करोड़पति दर्जा प्राप्त किया।

Ismail Haniyeh के बारे में आपके बताए गए विवरण के अनुसार, उनकी अहम भूमिका इस्राइल पर हुए एक हमले में थी, जो कि बीते साल 7 अक्तूबर को हुआ था। इस हमले के पीछे इस्माइल हानिया की संभावित भूमिका के बारे में समाचार रिपोर्टों और इस्राइली सुरक्षा अधिकारियों के दावों में बात की गई है।

हानिया ने कतर में रहते हुए ऐशो-आराम की जिंदगी जी रहे थे, जहां उन्होंने अपने ऑफिस में टेलीविजन पर हमले को देखा और उसका समर्थन किया था। इस घटना के पश्चात, उन्हें इस्राइली सुरक्षा बलों के निशाने पर लिया गया था।

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Ismail Haniyeh का शुरुवाती जीवन

Ismail Haniyeh का जन्म 29 जनवरी 1962 को गाजा पट्टी के शाती शरणार्थी शिविर में हुआ था। वे गाजा पट्टी में बड़े परिवार में जन्मे थे और उनके 13 बच्चे हैं। हालांकि हाल ही में एक इस्राइली हमले में उनके तीन बेटों सहित परिवार के कई सदस्यों की मौत हो गई थी, जो कि उनके लिए एक बड़ी कठिनाई का कारण रही है।

Ismail Haniyeh ने गाजा की इस्लामिक यूनिवर्सिटी से अरब साहित्य में स्नातक किया था। उनकी पढ़ाई के दौरान ही वे हमास के संपर्क में आए और उनका राजनीतिक करियर शुरू हुआ। वे गाजा पट्टी में फलस्तीनी राष्ट्र के गठन की इच्छा रखते थे, जो कि इस क्षेत्र में विवाद का मुख्य कारण रहा है।

हानिया ने अपने राजनीतिक जीवन में मुस्लिम ब्रदरहुड से भी जुड़ा और गाजा की इस्लामिक यूनिवर्सिटी में वे मुस्लिम ब्रदरहुड की छात्र परिषद के प्रमुख भी रहे। उनकी राजनीतिक यात्रा में उन्होंने हमास के ऊपर अपने प्रभाव को मजबूत किया और पूरे पश्चिमी तट क्षेत्र में उनकी अपार प्रतिष्ठा बढ़ी।

कब से जुड़े है Ismail Haniyeh

Ismail Haniyeh 1990 के दशक में हमास से जुड़े, शुरुआत में वे हमास की चैरिटेबल गतिविधियों में सक्रिय रहे और बाद में हमास की राजनीतिक शाखा में भी काम किया। समय के साथ उनकी अहमियत हमास में बढ़ी और दूसरे इंतिफादा के दौरान वे हमास के शीर्ष नेतृत्व की ओर बढ़ चुके थे।

2006 में गाजा में हुए चुनाव में हमास की जीत के बाद, Ismail Haniyehको फलस्तीनी अथॉरिटी के प्रधानमंत्री बनाया गया। उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद गाजा में फतह के साथ मतभेद बढ़े और 2007 में हुए हिंसक संघर्ष के बाद फतह को गाजा पट्टी से वापस हटना पड़ा। इसके बाद, गाजा में हमास के नियंत्रण में कोई चुनौती नहीं बची।

हानिया ने बीते कुछ वर्षों से हमास और फतह के बीच सुलह कराने की कोशिश की, लेकिन उनकी मौत ने हमास को बड़ा झटका पहुँचाया है। इस घटना से स्पष्ट हो रहा है कि इस्राइल के सुरक्षा बलों ने इसे बड़ी कामयाबी माना है।

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