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Goutam Gambhir: गंभीर का गुरु मंत्र ” सिर्फ एक ही संदेश…” , क्या हार्दिक पंड्या के लिए है कही ये बात..?

Goutam Gambhir: गौतम गंभीर के टीम इंडिया कोच बनने के बारे में उनके बयान ने भारतीय क्रिकेट में बहुत रुचि उत्पन्न की है। उन्होंने खेल और खिलाड़ियों के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किए हैं, जिसमें हार्दिक पांड्या को लंबे फॉर्मेट में चोटिल होने की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

Goutam Gambhir
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Goutam Gambhir:भारतीय क्रिकेट टीम के नए हेड कोच

भारतीय क्रिकेट टीम की दृढ़ता ने उसे तीनों फॉर्मेट में सफलता दिलाई है। यहां तक कि कुछ महीने पूर्व भारत ने टेस्ट, वनडे और टी20 फॉर्मेट की टीम टैंकिंग में एकसाथ पहला स्थान हासिल किया था। मगर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (World Test Championship) जीतना अब भी टीम इंडिया के लिए एक सपना बना हुआ है। इस संबंध में भारतीय टीम के नए हेड कोच Goutam Gambhir ने अपनी राय सामने रखी है और उसके बाद हार्दिक पांड्या के टेस्ट क्रिकेट खेलने की उम्मीद भी की जाने लगी है।

सिर्फ एक ही लक्ष्‍य होना चाहिए

Goutam Gambhir का गुरु मंत्र ” सिर्फ एक ही संदेश…” , क्या हार्दिक पंड्या के लिए है कही ये बात..?ने कहा, ”ऐसा करने की कोशिश करें क्‍योंकि टीम ही है, जो मायने रखती है, व्‍यक्तिगत प्रदर्शन नहीं। तो मैदान में जाकर केवल एक बात सोचे कि अपनी टीम को जीत दिलाने की कोशिश करें। आप किसी भी टीम के लिए खेलें, बस उसे जिताने के बारे में सोचे। यह व्‍यक्तिगत खेल नहीं, जहां आप अपने बारे में सोचे। यहां टीम पहले आती है। आप संभवत: पूरी टीम मे सबसे आखिर में आते हैं।”

रीवर: जीत के लिए टीम का साथ

Goutam Ganbhir के विचारों के अनुसार, खेल में सफलता का रहस्य टीम के साथीत्व में छिपा होता है। वे इसको व्यक्तिगत उपलब्धियों से ऊपर स्थापित करते हैं, जानते हैं कि वास्तविक कामयाबी उस अनुभव के साथ आती है जब हम सभी मिलकर टीम के लिए प्रयास करते हैं।

हार्दिक पांड्या: टेस्ट क्रिकेट के लिए तैयार?

स्टार स्पोर्ट्स के एक इंटरव्यू के अनुसार, गौतम गंभीर ने स्पष्ट कहा है कि जो खिलाड़ी अच्छी फॉर्म में हैं, उन्हें तीनों फॉर्मेट में खेलना चाहिए। इस बयान के बाद हार्दिक पांड्या को लेकर सवाल उठने लगे हैं, जिन्होंने काफी समय से सफेद गेंद की क्रिकेट ही खेलते आए हैं और चोटों के कारण वे लंबे फॉर्मेट में खेलने से बच रहे थे। हालांकि, हार्दिक पांड्या ने अंतिम बार टेस्ट मैच साल 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। उनके बाद चोटिलताओं के कारण उनकी टेस्ट क्रिकेट की स्थिति में सुस्ती रही है, लेकिन Goutam Gambhir के बयान के बाद ऐसा लगता है कि शायद अब हार्दिक पांड्या को मजबूरन टेस्ट क्रिकेट खेलना पड़ेगा।

गौतम गंभीर का बयान

Goutam Gambhir ने कहा, “मैं इसी बात में विश्वास रखता हूं कि यदि आप तीनों फॉर्मेट में खेलने में सक्षम हैं तो जरूर खेलिए. मुझे चोट के कारण बदलाव लाने में कोई दिलचस्पी नहीं है, यदि आप चोटिल होते हैं तो जाइए और उससे रिकवर करके वापस आइए. जब आप अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे हैं और अच्छा खेल रहे हैं तो आप तीनों फॉर्मेट में खेलने की चाह रखते हैं. कोई भी खुद को सफेद गेंद या लाल गेंद का बॉलर नहीं कहना चाहेगा.”

वर्कलोड मैनेज करने में नहीं रखता विश्वास

टीम इंडिया के नए हेड कोच ने यह भी कहा है कि उन्हें किसी विशेष खिलाड़ी को टेस्ट या सीमित ओवरों के फॉर्मेट के लिए अलग से खिलाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं वर्कलोड मैनेज करने में विश्वास नहीं रखता। एक पेशेवर क्रिकेटर के पास करियर बनाने के लिए बहुत कम समय होता है, ऐसे में उन्हें ज्यादा से ज्यादा खेलने का प्रयास करना चाहिए। जब कोई खिलाड़ी अच्छी फॉर्म में चल रहा हो तो उसे तीनों फॉर्मेट खेलने चाहिए।”

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हार्दिक पांड्या का टेस्ट करियर

हार्दिक पांड्या ने अपना टेस्ट क्रिकेट डेब्यू 2017 में श्रीलंका के खिलाफ किया था। उन्होंने इसके बाद करीब एक साल के भीतर केवल 11 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें उन्होंने करीब 31 के औसत से 532 रन बनाए हैं और गेंदबाजी में 17 विकेट लिए हैं। उनका अंतिम टेस्ट मैच 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ था।

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