Income Tax Act:वित्त वर्ष 2024-25 में टैक्स कानून को सरल बनाने के लिए अब आम आदमी भी दे सकता है अपना सुझाव
Income Tax Act : वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बजट प्रस्तुत करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 6 दशक पुराने इनकम टैक्स कानून की समीक्षा करने की घोषणा की है। इसका उद्देश्य कानून को सरल और अधिक सुविधाजनक बनाना है।
Income Tax Act
अगर आप इनकम टैक्स कानून में बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं या टैक्सपेयर्स के लिए इसे सरल और सहज बनते हुए देखना चाहते हैं, तो आपके पास मौका है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने 1961 में तैयार किए गए इनकम टैक्स एक्ट की समीक्षा के लिए एक आंतरिक समिति का गठन किया है। इसके साथ ही, स्टेकहोल्डर्स, विशेषज्ञों और आम नागरिकों से सुझाव मांगे गए हैं। आपका योगदान इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण हो सकता है।
टैक्स कानून की समीक्षा
वित्त मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बजट प्रस्तुत करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स कानून की समीक्षा का एलान किया। इस घोषणा के तहत, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने इनकम टैक्स एक्ट 1961 के समग्र रिव्यू के लिए एक आंतरिक समिति का गठन किया है। इसका उद्देश्य टैक्स कानून को छोटा, स्पष्ट और आसानी से समझ में आने वाला बनाना है, ताकि विवादों और कानूनी मामलों को कम किया जा सके और टैक्सपेयर्स के लिए अधिक निश्चितता लाई जा सके।
सीबीडीटी द्वारा सुझाव मांगने की प्रक्रिया
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने चार प्रमुख श्रेणियों में जनता से इनपुट और सुझाव मांगे हैं:
- भाषा को सरल बनाना
- कानूनी विवादों को घटाना
- कम्प्लायंस को कम करना
- बेकार प्रावधानों को समाप्त करना
सुझाव देने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए, इनकम टैक्स की ई-फाइलिंग पोर्टल पर एक विशेष वेबपेज लॉन्च किया गया है। इसे यहाँ पर एक्सेस किया जा सकता है।
आम नागरिक भी दे सकते हैं सुझाव
वित्त मंत्रालय के अनुसार, इनकम टैक्स के ई-फाइलिंग पोर्टल पर 6 अक्टूबर 2024 से स्टेकहोल्डर्स, विशेषज्ञों और आम नागरिकों के लिए सुझाव देने का लिंक लाइव हो चुका है। सभी इच्छुक व्यक्ति अपना नाम, मोबाइल नंबर और ओटीपी के जरिए वैलिडेशन कर इस पेज को एक्सेस कर सकते हैं। यह एक अवसर है जहां आम नागरिक भी अपनी राय और सुझाव साझा कर सकते हैं।
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