मध्यप्रदेश:1जुलाई से लागु हुये मध्यप्रदेश पर 3 नए कानून

मध्यप्रदेश पर 3 नए कानून

मध्यप्रदेश: भारतीय कानून और न्याय व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन 1 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है। इस दिन से, भारतीय दण्ड संहिता के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता (IPC) की 511 धाराओं के बजाय 358 धाराएं होंगी। यह परिवर्तन न्यायिक प्रक्रिया को सुगम बनाने और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई को अधिक प्रभावी बनाने का लक्ष्य रखता है। इस संशोधन के माध्यम से, न्यायिक प्रक्रिया में भी कई उपयुक्त सुधार किए जाएंगे, जिससे न्याय व्यवस्था में विश्वास और समर्थन मजबूत होगा।

मध्यप्रदेश पर 3 नए कानून
मध्यप्रदेश पर 3 नए कानून

मध्य प्रदेश में देश के कानून और न्याय व्यवस्था में 1 जुलाई से एक महत्वपूर्ण बदलाव आ रहा है। इस दिन से, मध्य प्रदेश में तीन नए कानून लागू होंगे। इन कानूनों का मकसद यह है कि भारतीय न्याय संहिता में 511 धाराओं की बजाय अब 358 धाराएं होंगी। इसमें 21 नए अपराध शामिल हैं और 41 धाराओं की सजा में बढ़ोतरी हुई है। इसके अतिरिक्त, पहली बार कुछ अपराधों में सामुदायिक सेवा की सजा भी शामिल की गई है। यह बदलाव कानूनी प्रक्रिया को सुगम और प्रभावी बनाने का प्रयास है, ताकि न्यायिक प्रक्रिया में सुधार हो और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके।

31 हजार जांच टीमों को भी दी जा रही यही विशेष ट्रेनिंग

इसी तरह, CRPC के बजाय भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) लागू होगा। इन नए कानूनों को लागू करने के लिए पुलिस बल को सबसे अच्छे ढंग से तैयार किया जाना चाहिए। इसीलिए, मध्य प्रदेश में पिछले छह महीनों में पुलिस बल और जांच टीमों की प्रशिक्षण की तैयारी की गई है। इस अवधि के दौरान, पुलिस और जांच टीमों को इन तीनों कानूनों के बारे में पूरी जानकारी और तालीम दी गई है। अब तक, 60 हजार पुलिस जवानों और अधिकारियों के साथ-साथ 31 हजार जांच टीमों को भी विशेष ट्रेनिंग दी गई है।

मध्य प्रदेश में 1 जुलाई को सभी थानों में होगा विशेष कार्यक्रम

मध्यप्रदेश राज्य की पुलिस प्रशिक्षण शाखा ने 300 से अधिक मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षित किया है और इनके माध्यम से पुलिस मुख्यालय से लेकर थानों और चौकियों तक के कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी गई है। नए कानूनों से लोगों को अवगत कराने और उनमें जागरूकता लाने के मकसद से कार्यशालाएं हुईं, सेमिनार हुए और सामूहिक चर्चा हुई। इसके अलावा सोशल मीडिया का भी भरपूर उपयोग किया गया है, शॉर्ट फिल्में तक बनाई गई हैं। पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना ने भी इस कानून की तैयारी और प्रशिक्षण पर पूरी नजर रखी, साथ ही निर्देश दिए। नए कानूनों की विस्तृत जानकारी पुलिस थाने के अलावा पुलिसकर्मियों के मोबाइल पर भी उपलब्ध रहेगी। जिस दिन यह कानून लागू होने वाले हैं, उस दिन 1 जुलाई को सभी थानों में विशेष कार्यक्रम होंगे और आमजन को अवगत कराया जाएगा। (IANS)

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राज्य की पुलिस प्रशिक्षण शाखा ने 300 से अधिक मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षित किया है और इनके माध्यम से पुलिस मुख्यालय से लेकर थानों और चौकियों तक के कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी गई है। नए कानूनों से लोगों को अवगत कराने और उनमें जागरूकता लाने के मकसद से कार्यशालाएं हुईं, सेमिनार हुए और सामूहिक चर्चा हुई। इसके अलावा सोशल मीडिया का भी भरपूर उपयोग किया गया है, शॉर्ट फिल्में तक बनाई गई हैं। पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना ने भी इस कानून की तैयारी और प्रशिक्षण पर पूरी नजर रखी, साथ ही निर्देश दिए। नए कानूनों की विस्तृत जानकारी पुलिस थाने के अलावा पुलिसकर्मियों के मोबाइल पर भी उपलब्ध रहेगी। जिस दिन यह कानून लागू होने वाले हैं, उस दिन 1 जुलाई को सभी थानों में विशेष कार्यक्रम होंगे और आमजन को अवगत कराया जाएगा। (IANS)

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