बजट 2024; राहुल गाँधी का मोदी पर तीखा वार मोदी सरकार ने बजट के नाम पर मिडिल क्लास की पीठ पर किया वार
बजट 2024 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में बजट पेश करते हुए प्रॉपर्टी बेचने पर इंडेक्सेशन का लाभ खत्म करने और कैपिटल गेन टैक्स को बढ़ाने की घोषणा की है।इस बदलाव राहुल गांधी ने इस घोषणा पर तीखा विरोध किया है। उनका कहना है कि इससे मध्यम वर्ग और निम्न आय वर्ग के लोगों को नुकसान होगा, खासकर वे लोग जो अपनी प्रॉपर्टी को बेचने के लिए मजबूर हैं

बजट 2024
लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने बजट 2024 के प्रावधानों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने विशेष रूप से कैपिटल गेन टैक्स को बढ़ाने और रियल एस्टेट सेक्टर में इंडेक्सेशन की सुविधा को समाप्त करने पर मोदी सरकार की कड़ी आलोचना की है। राहुल गांधी का कहना है कि सरकार के इस कदम से मिडिल क्लास को गंभीर नुकसान होगा।
राहुल गांधी ने बजट के खिलाफ अपनी आलोचना करते हुए कहा, “इस बजट में सरकार ने मिडिल क्लास की पीठ में छुरा घोंपा है। इंडेक्सेशन की सुविधा को खत्म कर और शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को बढ़ाकर सरकार ने मिडिल क्लास की छाती में छुरा घोंपा है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इन उपायों से मध्यम वर्ग पर टैक्स का बोझ बढ़ेगा, जो पहले से ही वित्तीय दबाव में है।
राहुल गांधी का तर्क है कि इन बदलावों से रियल एस्टेट सेक्टर और आम नागरिकों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। उनका कहना है कि सरकार को मिडिल क्लास के हितों की रक्षा करनी चाहिए और ऐसे फैसले लेने चाहिए जो समाज के सभी वर्गों को ध्यान में रखकर हों।
बजट 2024 के नाम पर मिडिल क्लास की पीठ पर किया वार
वित्त वर्ष 2024-25 के बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मध्यम वर्ग ने बजट से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन किया था। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कोविड महामारी के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने मध्यम वर्ग से थाली बजाने और मोबाइल की लाइट जलाने की अपील की थी, जिसे उन्होंने पूरा किया।
राहुल गांधी ने तंज कसते हुए कहा, “जब प्रधानमंत्री ने कोविड के दौरान थाली बजाने को कहा, तो मिडिल क्लास ने थाली बजाई। जब प्रधानमंत्री ने मोबाइल की लाइट जलाने को कहा, तो मिडिल क्लास ने पूरी मेहनत से मोबाइल की लाइट जलायी। पूरे हिंदुस्तान में मध्यम वर्ग ने लाइट जलायी और समर्थन किया। लेकिन इस बजट में, उसी मध्यम वर्ग को पीठ में एक छुरा और छाती में एक छुरा घोंपा गया है।”
राहुल गांधी का कहना है कि इस बजट से मध्यम वर्ग की मुश्किलें और बढ़ेंगी, और यह सरकार की ओर से उनके प्रति उपेक्षा का संकेत है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को मध्यम वर्ग के हितों की रक्षा करनी चाहिए और ऐसे फैसले लेने चाहिए जो उनके वास्तविक समस्याओं का समाधान करें।
बजट में किया वित्त मंत्री ये ऐलान
राहुल गांधी ने बजट 2024 की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार ने इंडेक्सेशन की सुविधा को समाप्त कर मध्यम वर्ग की पीठ में छुरा घोंपा है और कैपिटल गेन टैक्स बढ़ाकर उनकी छाती में छुरा घोंपा है। उन्होंने कहा कि इस बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.50 फीसदी कर दिया गया है, और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स को 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है।
राहुल गांधी ने इस पर तंज कसते हुए कहा, “यह दुख की बात है, लेकिन यह इंडिया गठबंधन के लिए एक अच्छा अवसर है। अब मध्यम वर्ग हमारे पास आएंगे।” उनका तर्क है कि इस बजट के बाद मध्यम वर्ग की समस्याएं बढ़ेंगी और वे बेहतर विकल्प की तलाश में होंगे, जो कि इंडिया गठबंधन के लिए एक सकारात्मक संकेत हो सकता है।
मोदी ने किया मिडिल क्लास लोगो को निराश
23 जुलाई, 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी 3.0 के पहले आम बजट को पेश करते हुए महत्वपूर्ण आर्थिक प्रावधानों की घोषणा की। बजट में प्रॉपर्टी बेचने पर मिलने वाले इंडेक्सेशन लाभ को समाप्त करने का एलान किया गया। इसके अलावा, इक्विटी निवेश पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स को 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.50 फीसदी कर दिया गया था।
वित्त मंत्री के इस एलान के तुरंत बाद, शेयर बाजार में तीव्र गिरावट देखी गई। रियल एस्टेट सेक्टर में भी भारी गिरावट देखने को मिली, जिससे निवेशकों और बाजार विश्लेषकों में चिंता बढ़ गई। इन कर सुधारों के कारण निवेशकों के मनोबल पर असर पड़ा और विभिन्न सेक्टरों के शेयरों में गिरावट आई।