केजरीवाल का मुख्यमंत्री के रूप में भविष्य खतरे में:अदालत के फैसले ने इस्तीफे की बातचीत को जगा दिया

अदालत के फैसले ने शुरू किया गिनती

अरविंद केजरीवाल की परेशानियाँ फिर से तेजी से बढ़ रही हैं। गिरफ्तारी के बाद, अब उनके लिए इस्तीफा देना भी और ज्यादा मुश्किल हो सकता है। देश के संविधान और कानून के तहत मुख्यमंत्री बने रहने की कई बाधाएं हो सकती हैं, लेकिन वास्तविक समस्याएं उनके सामने बढ़ती जा रही हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल के चीफ मिनिस्टर पद पर बने रहने की स्थिति पर जो बात कही है, उससे यह स्पष्ट हो रहा है कि केजरीवाल के लिए समय और मुश्किल है।

अरविंद केजरीवाल की परेशानियाँ फिर से तेजी से बढ़ रही हैं।
अरविंद केजरीवाल की परेशानियाँ फिर से तेजी से बढ़ रही हैं।

अरविंद केजरीवाल की राजनीति: स्कूल और अस्पताल

अरविंद केजरीवाल की राजनीति में सबसे ज्यादा चर्चा दो मुख्य मुद्दों के बारे में हो रही है: स्कूल और अस्पताल। इन दोनों मुद्दों पर हो रही व्यावसायिक चर्चाओं के बावजूद, मुफ्त बिजली और पानी के मामले को भी बाद में ध्यान में रखा जाता है। भ्रष्टाचार मिटाने का दावा भी अब उनके खिलाफ उठाया जा रहा है।

स्कूलों की विवादित मामला

प्राइवेट स्कूलों की फीस पर पाबंदी और सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए मुफ्त किताबें और अन्य आवश्यक चीजों की व्यवस्था के फैसले ने खूब चर्चा का विषय बनाया है। इसके अलावा, अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में बहुमत जीतने के साथ-साथ एमसीडी पर भी कब्जा जमाया है। लेकिन मुख्यमंत्री के जेल चले जाने के बाद, सरकारी स्कूलों के कामकाज पर भी असर पड़ रहा है। इससे उनके सिर पर तलवार की तरह एक नई चुनौती खड़ी

मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव टलने के बाद एमसीडी स्कूलों का मामला अरविंद केजरीवाल के लिए नई मुसीबत बना है – और इस मुसीबत की वजह बना है, केजरीवाल सरकार के ही मंत्री सौरभ भारद्वाज का इस सिलसिले में दिया गया बयान.
जो सौरभ भारद्वाज अरविंद केजरीवाल का दिल्ली शराब नीति केस में बचाव करते रहे हैं, उनका ही मजबूरी में दिये बयान ने मुख्यमंत्री की मुश्किलों में इजाफा कर दिया है. सौरभ भारद्वाज के बयान को तो दिल्ली हाई कोर्ट ने सही माना है, लेकिन ऑब्जर्वेशन ये है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल में होने की वजह से दिल्ली सरकार का कामकाज ठप पड़ा है

मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव के टलने के बाद: अरविंद केजरीवाल की नई मुसीबत

मेयर और डिप्टी मेयर के चुनावों के टलने के बाद, एमसीडी स्कूलों का मामला अरविंद केजरीवाल के लिए एक नई मुसीबत बन गया है। इस मुसीबत की वजह बना है, केजरीवाल सरकार के ही मंत्री सौरभ भारद्वाज का इस सिलसिले में दिया गया बयान। सौरभ भारद्वाज ने अरविंद केजरीवाल का दिल्ली शराब नीति केस में बचाव किया है, जिससे मुख्यमंत्री की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। सौरभ भारद्वाज के बयान को तो दिल्ली हाई कोर्ट ने सही माना है, लेकिन इसके बावजूद, मुख्यमंत्री के जेल में होने की वजह से दिल्ली सरकार का कामकाज ठप पड़ा है।

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